मंगलवार, 19 फ़रवरी 2008

लव गुरू बनना सबके बस की बात नहीं


आमतौर पर रेडियो सुनना कभी कभार ही होता है. ठीक उसी तरह जैसे कभी याद आया तो आमलेट खा लिया.पर एक दिन अचानक सोते समय रात को थोड़ा परेशान था, सामने रेडियो देखा तो सोचा कि चलो गाना सुनकर टेशन दूर किया जाय. जैसे ही गाना खत्म हुआ कि एक लड़की की आवाज आई कि लव गुरू मैं एक लड़के से प्यार करती हूं पर वह मुझसे प्यार करता है कि नहीं ये पता नहीं. मैं क्या करू. लव गुरू ?? लव गुरू ने उसे बहुत ही बढ़िया तरकीब सुझाई. उसे बाद एक लड़के का फोन आया कि लव गुरू मेरे ऊपर दो लाख रुपये का उधार हो गया है मैं क्या करूं....लव गुरू ने उसको भी समझदारी से उधार चुकाने की तरकीब बताई. मैंने सोचा कि यार ये लव गुरू की नौकरी तो बड़ी मुड़पिरी वाली है. पोर्टनर में सलमान खान तो भास्कर दिवाकर चौधरी जैसे दो चार और फ्रस्टेटेड के केवल प्यार मुहब्बत वाले केस हंडल करते थे पर रेडियो सिटी वाला लव गुरू तो देशव्वापी समस्यायें हंडल करता है. मैंने सोचा कि यार ये लव गुरू बनना आसान नहीं. ये बिना किसी स्वार्थ के सबकी सेवा करता है. बेचारा एसटीडी फोन भी खुद अपनी तरफ से ही करता है. कहते हैं कि रिश्तों का बंधन इतना नाजुक होता है कि तनिक भी गलतफहमी ये यह टूट जाता है। ऐसे में लव गुरू युवाओं को ऐसे कारगर टिप्स देता है, जिससे बिगड़े रिश्ते भी बन जाते हैं। आखिर में फिर से लव गुरू आपको सलूट मारता हूं कि गुरू तुम दुनिया का सबसे कठिन काम रहे हो।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

बिल्कुल नहीं है.लेकिन यह लव गुरूओं पर भी लागू होता है कि सलाह देने के लिए पात्रता होनी चाहिए. आप पता कर लीजिए हर लवगुरू इमोशनल डिस्ट्रेस में मिलेगा. जो खुद इमोशनली डिस्ट्रेस में जीता हो वह दूसरों को क्या सलाह देगा.