कौरव कौन
कौन पांडव,
टेढ़ा सवाल है|
दोनों ओर शकुनि
का फैला
कूटजाल है|
धर्मराज ने छोड़ी नहीं
जुए की लत है|
हर पंचायत में
पांचाली
अपमानित है|
बिना कृष्ण के
आज
महाभारत होना है,
कोई राजा बने,
रंक को तो रोना है|
सौ..श्री अटल बिहारी वाजपेई
शुक्रवार, 7 मई 2010
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5 टिप्पणियां:
waah
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 09.05.10 की चर्चा मंच (सुबह 06 बजे) में शामिल किया गया है।
http://charchamanch.blogspot.com/
बहुत सुन्दर !
धर्मराज ने छोड़ी नहीं
जुए की लत है|
सच है !
बहुत खूब
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