रविवार, 1 जून 2008

जन्नत- है दम


कैंप-भट्ट कैंप(विशेष फिल्म्स)
निर्देशक-कुनाल देशमुख
संगीतकार-प्रीतम


पिछले दिनों भट्ट साहब की नई नवेली पेशकश जन्नत देखा। अपनी हर फिल्म का तरह इस फिल्म में भी भट्ट साहब बॉलीवुड के सामने कई नये चेहरे लाने वाले वादे में खरे उतरे। जन्नत की पूरी नई टीम वाकई तारीफ के काबिल है। जिस तरह फिल्म को आईपीएल रूपी इंटरटेनिंग सुनामी के बीच में रिलीज करने का जोखिम लिया गया था, ऐसे में अगर निर्देशक कुनाल देशमुख की कहानी और निर्देशन में जरा भी ढ़ील होती तो इसका भी हाल टशन से कम बुरा नहीं होता। जैसा कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कोच बॉब वूल्मर की हत्या के बाद भट्ट साहब ने ऐलान किया था कि वह उनके ऊपर फिल्म बनाकर एक ट्रिब्यूट देंगे। वो उन्होंने किया लेकिन सिर्फ २ मिनट के एक सीन में निपटाकर। फिल्म की कहानी उन्होंने बड़ी ही चालाकी से कोच से सट्टेबाज की तरफ घुमा दी। वे भी मजबूर थे, क्योंकि सट्टेबाज का रोल तो उनका भांजा इमरान हाशमी कर रहा था। पूरी फिल्म में इमरान का काम सबसे शानदार है। वह दिन दूर नहीं जब वह एक फिल्म के लिए सात से आठ करोड़ मेहनताना मांगकर खान तिकड़ी को चौंका दें। सीबीआई इंस्पेक्टर का रोल कर रहे समीर कोचर ने भी अपनी पर्सनॉल्टी से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे हैं। फिल्म के कुछ और सीन अगर उनके हिस्से में आते तो शायद वह जन्नत को इमरानी प्रकोप से बचाने में कामयाब हो जाते। फिर भी लड़कियों ने इमरान से ज्यादा उनकी सैंडविच खाकर केस सुलझाने की स्टाइल को ज्यादा पसंद किया है। फिल्म की पैकेजिंग और संगीत इसकी जान है। पूर्व क्रिकेटरों पर किया गया एक कमेंट बहुत ही प्रासंगिग लगता है। जिसमें सट्टेबाज अर्जुन एक क्रिकेटर को बिकने के लिए नोटों के हरे-भरे सब्जोबाग दिखाते हुए कह रहा होता है कि एक्स क्रिकेटर का कोई फ्यूचर नहीं होता। वे या तो किसी न्यूज चैनल में बैठकर कमेंट्री करते हैं या फिर किसी लाफ्टर शो में बैठकर खीस निपोरते हैं।जन्नत के संगीतकार प्रीतम को तो जैसे युवाओं की पसंद का पासवर्ड मिल गया हो, अभी उनकी पिछली फिल्म रेस के गाने डिस्कोथेकों में बजने बंद नहीं हुए थे कि जन्नत के गानों ने धूम मचाना शुरू कर दिया। फिल्म में सिनेमैटोग्राफी बहुत ही शानदार है। द.अफ्रीकी शहर जोहांसबर्ग से समुद्री किनारों से लेकर, गगनचुम्बी बिल्डिगों और वहां के मैदानों की हरी घास को बहुत ही मास्टरी से दिखाया गया है।

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

sir
mujhe aapse shkayat hai aap itna achcha likhte hai aur aapne apne post ke neeche likha hai ki ek tippani bheije
are boss lage raho aap like
padhne vale to ham hai na
aur ho sake to kabhi hamari gapashap bhi sun liya karein
on
www.scam24inhindi.blogspot.com

बिक्रम प्रताप सिंह ने कहा…

कुछ संवाद अच्छे हैं लेकिन फिल्म रद्दी है।