हाल ही मैंने पाकिस्तानी फिल्म खुदा के लिए का ट्रेलर टीवी पर देखा। फिल्म के सारे गानों को तो नहीं सुन पाया पर जो गाना मैंने देखा उसका संगीत तो लाजवाब था। फिल्म के दृश्य बड़ी ही मास्टरी से फिल्माए गए लग रहे थे। कुल मिलकार प्रथम दृष्टा फिल्म बहुत ही शानदार लग रही थी। आमतौर पर पाकिस्तानी फिल्मी तकनीकी रूप से बॉलीवुड की फिल्मों की तुलना में थोड़ी उन्नीस होती हैं। उसका भी एक कारण है वहां न तो बच्चन साबह की तरह कोई मेगास्टार है और न ही यशराज फिल्म्स जैसा कोई मालदार बैनर। अपने मुम्बई फिल्मी मठाधीशों ने भी फिल्म को लेकर शानदार प्रतिक्रिया दी है। काफी कुछ अच्छा लिखा है। इस बार के सप्ताहिक अवकाश में इस निपाटने का मन बना लिया है।
सोमवार, 19 मई 2008
खुदा के लिए-धांसू लग रही है
हाल ही मैंने पाकिस्तानी फिल्म खुदा के लिए का ट्रेलर टीवी पर देखा। फिल्म के सारे गानों को तो नहीं सुन पाया पर जो गाना मैंने देखा उसका संगीत तो लाजवाब था। फिल्म के दृश्य बड़ी ही मास्टरी से फिल्माए गए लग रहे थे। कुल मिलकार प्रथम दृष्टा फिल्म बहुत ही शानदार लग रही थी। आमतौर पर पाकिस्तानी फिल्मी तकनीकी रूप से बॉलीवुड की फिल्मों की तुलना में थोड़ी उन्नीस होती हैं। उसका भी एक कारण है वहां न तो बच्चन साबह की तरह कोई मेगास्टार है और न ही यशराज फिल्म्स जैसा कोई मालदार बैनर। अपने मुम्बई फिल्मी मठाधीशों ने भी फिल्म को लेकर शानदार प्रतिक्रिया दी है। काफी कुछ अच्छा लिखा है। इस बार के सप्ताहिक अवकाश में इस निपाटने का मन बना लिया है।
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3 टिप्पणियां:
प्रयास करते हैं इसे देखने का.
हाँ, यह एक अच्छी फिल्म है।
घुघूती बासूती
अभी तक तो नहीं देख पाया अरविंद भाई। जल्द ही प्रयास करता हूं।
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